सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

नेता कि वासना

बिहार के नेता ने यदि बार गर्ल के साथ नृत्य क्या कर दिया मिडिया वालों को खजाना मिल गयालगे उसकी फोटो दीखानेमै कहता हू कि जब अपने कृष्ण भगवान वृन्दावन में रास रचाते थे तो आपको कोई परेशानी नहीं थी । थोड़ा सा अपने नेता भगवान ने नृत्य क्या कर दिया लगे हल्ला मचाने।अरे भैया आजकल के नेताजी किसी कृष्ण भगवान से कम हैं। ये तो सोचो कि इससे बार गर्ल की भी तो इच्छा पूरी हुयी होगी। अपना सपना मनी- मनी की तर्ज पर कार्य कर रही इन बार बालाओं की मजबूरी समझते हुए नेताजी ने उन्हें कुछ फायदा पहुचाने की कोशिश की तो आप बुरा मान गए ।वैसे नेता भी आदमी ही होता है और मनोवैज्ञानिको की मानें तो सेक्स प्राथमिक आवश्यकता है। इस दिशा में सोचें और बी रिलैक्स यारों। चलते - चलते एक शरारत -
उनकी हर शाम गुजराती है दिवाली की तरह। हमने इक दीप जलाया तो बुरा मान गए।

शनिवार, 20 फ़रवरी 2010

Nautanki of Education

शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल साहब नित नए प्रयोग करते रहते है। दूरस्थ शिक्षा के अंतर्गत संस्थापित विश्वविद्यालयो में शोध कार्य कर रहे छात्रों के साथ नए प्रयोग करते हुए उन्होंने शोध कार्य किये जाने पर रोक लगादी है। अब ये उन्हें कौन समझाये कि ८००० रुपये प्रतिवर्ष १० से १५ हजार अन्य शुल्क जमा करने के बाद छात्र अपनी शोध कि डिग्री लेकर कहाँ जायेगा । वैसे भी हमारे देस में मंत्रियों से अपनी बात कर लेना जीते जी स्वर्ग प्राप्त कर लेने के बराबर है। अगर कोई ऐसा व्यक्ति इस ब्लॉग को पढ़ता है जो स्वनाम धन्य मंत्री जी तक बात पंहुचा सकता है तो उस महान व्यक्ति से सादर अनुरोध है कि कृपा करके शिक्षा कि उस परम सत्ता तक ये विनती पंहुचा दे कि दूरस्थ शिक्षा में शोध पर एक पब्लिक नोटिस जारी कर स्थिति सपष्ट करने कि कृपा करें जिससे भ्रम कि स्थिति समाप्त हो सके। अंत में एक शरारत सामान्य लोगों के लिए -
खुदा हमको ऐसी खुदायी न दे , कि अपने सिवा कुछ दिखायी न दे।