शनिवार, 20 फ़रवरी 2010

Nautanki of Education

शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल साहब नित नए प्रयोग करते रहते है। दूरस्थ शिक्षा के अंतर्गत संस्थापित विश्वविद्यालयो में शोध कार्य कर रहे छात्रों के साथ नए प्रयोग करते हुए उन्होंने शोध कार्य किये जाने पर रोक लगादी है। अब ये उन्हें कौन समझाये कि ८००० रुपये प्रतिवर्ष १० से १५ हजार अन्य शुल्क जमा करने के बाद छात्र अपनी शोध कि डिग्री लेकर कहाँ जायेगा । वैसे भी हमारे देस में मंत्रियों से अपनी बात कर लेना जीते जी स्वर्ग प्राप्त कर लेने के बराबर है। अगर कोई ऐसा व्यक्ति इस ब्लॉग को पढ़ता है जो स्वनाम धन्य मंत्री जी तक बात पंहुचा सकता है तो उस महान व्यक्ति से सादर अनुरोध है कि कृपा करके शिक्षा कि उस परम सत्ता तक ये विनती पंहुचा दे कि दूरस्थ शिक्षा में शोध पर एक पब्लिक नोटिस जारी कर स्थिति सपष्ट करने कि कृपा करें जिससे भ्रम कि स्थिति समाप्त हो सके। अंत में एक शरारत सामान्य लोगों के लिए -
खुदा हमको ऐसी खुदायी न दे , कि अपने सिवा कुछ दिखायी न दे।

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